दिल की वही तन्हाई।
https://www.facebook.com/ARZ-KIYA-HAIGarv-382166911935424/?ref=aymt_homepage_panel कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज, ए खुदा उसके इस अंदाज को नज़र ना लगे हुस्न वालों ने क्या कभी की ख़ता कुछ भी ? ये तो हम हैं सारे इलज़ाम लिये फिरते हैं। सुबकती रही रात अकेली तनहाइयों के आगोश़ में, और वो काफिऱ दिन से मोहब्बत कर के उसका हो गया। सौ बार चमन महका, सौ बार बहार आई, दुनिया की वही रौनक, दिल की वही तन्हाई।