मोहब्बत आज भी जवाँ लगती है।।
बदली बदली उनके शहर की आब ओ हवा लगती है , इश्क ऐ मर्ज इतना बढ़ गया है ना कोई दवा लगती है। उनके इश्क़ में मेरी मदहोशी का आलम तो देखिये , एक अरसा बीत गया पर मोहब्बत आज भी जवाँ लगती है।।
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