अफ़सोस मत करो....

Gaurav kumar:
वो अपने घर चला गया अफ़सोस मत करो ।
इतना ही उस का साथ था अफ़सोस मत करो।
इंसान अपने आप में मजबूर है बहुत ।
कोई नही है बेवफा अफ़सोस मत करो ।।
इस बार तुम को आने में कुछ देर हो गई ।
थक हार के वो सो गया अफ़सोस मत करो ।।
दुनिया में  और चाहने वाले भी हैं बहुत ।
जो होना था सो हो गया अफ़सोस मत करो ।।
इस ज़िंदगी के मुझ पे कई क़र्ज़ हैं मगर ।
में जल्द लौट आऊँगा अफ़सोस मत करो ।।
ये देखो फिर से आ गयी फूलों पे तितलियाँ ।
इक रोज़ वो भी आएगा अफ़सोस मत करो ।।
वो तुम से आज दूर है  कल पास आएगा ।
फिर से खुदा मिलाएगा अफ़सोस मत करो ।।
बेकार जी पे बोझ लिए फिर रहे हो तुम ।
दिल है तुम्हारा फ़ूल सा अफ़सोस मत करो ..

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