Gaurav kumar: ज़न्दगी के लिए एक बेहतरीन सोच- हर एक की सुनो… ओर हर एक से सीखो… क्योंकि,,हर कोई सब कुछ नही जानता,, लेकिन…हर एक कुछ ना कुछ ज़रुर जानता है.. Gaurav kumar: तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ.. ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जायेंगे.. Gaurav kumar: bachpanकी आदतें भी तो, जल्दी नहीं जातीं. अब भी वो मचल जाते हैं कि हम खेलेंगे तेरे दिल से.. Gaurav kumar: भले जुबान अलग पर जज्बात तो एक है, उसे खुदा कहूँ या भगवान बात तो एक है… Gaurav kumar: कागज़ के नोटों से आखिर किस किस को खरीदोगे... किस्मत परखने के लिए यहाँ आज भी, सिक्का हीं उछाला जाता है Gaurav kumar: सिखा ना सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे, फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े और ना जाने कितने सबक सीख लिए। Gaurav kumar: खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो की किसी ओर की बुराई का वक्त ही ना मिले...... "क्यों घबराते हो दुख होने से, जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से.. नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है... लोग "रूलाना" नहीं छोडते... और हम "हसना" नहीं छोडते... Gaurav kumar