खुशी ने मुझको ठुकराया है...
Gaurav Kumar:
खुशी ने मुझको ठुकराया है रंज-ओ-गम ने पाला है ,,
गुलों ने बेरुखी की है तो काँटों ने सम्भाला है ,,
मुहब्बत में ख़याल-ए-साहिल-ओ-मंजिल है नादानी ,,
जो इन राहों में लूट जाये वही तकदीर वाला है ,,
चरागाँ कर के दिल बहला रहे हो क्या जहां वालों ,,
अँधेरा लाख रौशन हो उजाला फिर उजाला है ,,
किनारों से मुझे ऐ नाखुदा दूर ही रखना
वहां लेकर चलो तूफ़ान जहां से उठने वाला है ,,
नशेमन ही के लूट जाने का गम होता तो क्या गम था ,,
यहां तो बेचने वालों ने गुलशन बेच डाला है !
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