Poems
Gaurav kumar : आवारा मौसम हुए, हुआ बसन्त उदास। उपवन में कैसे बुझे, भँवरों की अब प्यास।। -- लीची आँधी में झड़ी, दहके नहीं पलाश। गर्मी में तरबूज में, आयी नहीं मिठास।। -- सकते में हैं लोग सब, कैस...
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