Khatti+mithi
Gaurav kumar:
ज़न्दगी के लिए एक बेहतरीन सोच-
हर एक की सुनो…
ओर हर एक से सीखो…
क्योंकि,,हर कोई सब कुछ नही जानता,,
लेकिन…हर एक कुछ ना कुछ ज़रुर जानता है..
Gaurav kumar:
तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ..
ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जायेंगे..
Gaurav kumar:
bachpanकी आदतें भी तो,
जल्दी नहीं जातीं.
अब भी वो मचल जाते हैं कि
हम खेलेंगे तेरे दिल से..
Gaurav kumar:
भले जुबान अलग पर जज्बात तो एक है,
उसे खुदा कहूँ या भगवान बात तो एक है…
Gaurav kumar:
कागज़ के नोटों से आखिर किस किस को खरीदोगे...
किस्मत परखने के लिए यहाँ आज भी,
सिक्का हीं उछाला जाता है
Gaurav kumar:
सिखा ना सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे,
फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े और ना जाने कितने सबक सीख लिए।
Gaurav kumar:
खुद की तरक्की में इतना
समय लगा दो
की किसी ओर की बुराई
का वक्त ही ना मिले......
"क्यों घबराते हो दुख होने से,
जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से..
नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है...
लोग "रूलाना" नहीं छोडते...
और हम "हसना" नहीं छोडते...
Gaurav kumar:
शादी कितनी खतरनाक चीज है ..
ये ईसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है..
बारातियों के नागिन डाँस के बाद ही दुल्हन बाहर निकलती है..!!
Gaurav kumar:
🌺वजो तन्हा सा, परेशान सा है
इस दुनिया में दिले-नादान सा है
जाने क्या खोया उसका अपना
अजनबी खुद से ही अंजान सा है
Gaurav kumar:
हवाओं को क्या इलज़ाम देना, चराग़ों को
बुज़ाने में !
मुक़द्दर है पत्तों का पतजड़ में पेड़ से जुदा हो जाना..
Gaurav kumar:
"क़ानून" तो सिर्फ बुरे लोगों के लिए
होता है..
अच्छे लोग तो "शर्म" से ही मर जाते
Gaurav kumar:
"क्या लिखूँ , अपनी जिंदगी के बारे में. दोस्तों. वो लोग ही बिछड़ गए. 'जो जिंदगी हुआ करते थे !!
[Gaurav kumar:
ajnabee शहर में एक दोस्त मिला!
"वक्त" नाम था! "पर जब भी मिला,,"मजबूर" मिला!,,,
Gaurav kumar:
भगवान का दीया हुअा सब कुछ है.. दोलत है .. सोहरत है ईज्जत है पर अनामत नही है..
Gaurav kumar:
होने वाले "खुद" ही "अपने" हो जाते हैं,
किसी को "कह कर" "अपना" बना_या नहीं जाता..
Gaurav kumar:
वाकिफ हुं बहुत खूब इस दुनिया की फितरत से,
बहुत चाहते है लोग मगर एक जरुरत की हद तक...!
Gaurav kumar:
ये मेरी शायरी ने भी कमाल
कर दिया,...!!!
आज शायरी सुनके
उसने मुझको कहा
मेरी_जान_ले_लो_पर_बेवफा_मत_कहो...!!
Gaurav kumar:
मुझे यकींन है अपने लफ्जो के हुनर पर,
कि वो चेहरा भूला सकती है पर बाते नही..
Gaurav kumar:
Dil Ye Hamara Bekarar Ho Raha Hai,
Lagta Hai Hume Aapse Pyar Ho Raha Hai,
Aap Aa Jaiye Yaha Jaldi Se,
Aapka Besabri Se Intezaar Ho Raha Hai.
Gaurav kumar:
मैंने ज़िन्दगी से
कुछ नही माँगा तेरे सिव और ज़िन्दगी ने मुझे सब कुछ दिया तेरे सिवा
Gaurav kumar:
न जाने किस हुनर को शायरी कहते होगेँ
लोग...
.lहम तो वो लिख़ रहे हैँ,
जो कह ना सके उससे...
Gaurav kumar: ज़िन्दगी मे बार बार
सहारा नही मिलता
बार बार कोई प्यार से प्यारा
नही मिलता
है जो पास उसे संभाल कर रखना
क्योकि खोकर वो
कभी दुबारा नही मिलता
Gaurav kumar:
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो
तो भी एक अच्छा जूता पहनकर
उस पर चला जा सकता है..
लेकिन यदि एक अच्छे जूते
के अंदर एक भी कंकड़ हो तो
एक अच्छी सड़क पर भी
कुछ कदम भी चलना मुश्किल है ।।
यानी -
"बाहर की चुनोतियों से नहीं
हम अपनी अंदर की कमजोरियों
से हारते हैं "
Gaurav kumar: इंसान को कभी हिम्मत नही हारनी चाहिए.
Gaurav kumar:
हम जीते आज में है पर जीते कल के लिए है ..
जिस दिन हम आज में आज के लिए जीना शुरु करेगें ...
उस दिन हमारी प्रगति और
भी गतिशील होगी !
Gaurav kumar:
बस एक ही बात सीखी है जिंदगी में।
अगर अपनों के करीब रहना है तो मौन रहो।।
और अपनों को करीब रखना है तो बात दिल पर मत लो।
Gaurav kumar:
नज़रों से ना देखो हमें..तुम में हम छुप जायेंगे..
अपने दिल पर हाथ रखो तुम.. हम वही तुम्हें मिल जायेंगे..!
Gaurav kumar:
तुम वादा करो आखरी , दीदार करने आओगे,
हम मौत को भी इंतज़ार ,करवायेगे तेरी खातिर..
Gaurav kumar: Sun#ßabyतेरे#Collegeमें इतनी लङकियाँ नहीआती होंगी..
जितनी मुझे रोज#I_Love_uकहजाती है।
Gaurav kumar:
छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना हमेशा के लिए ,‘दोस्त’ जिसको प्यार की कदर ना हो उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना ..
Gaurav kumar:
अकेले हम ही शामिल नहीं है इस जुर्म में जनाब.
नजरे जब मिली थी मुस्कराए तुम भी थे..
Gaurav kumar:
इंसान को कठिनाईयो की आवश्यकता होती है, क्योकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरुरी है.
Gaurav kumar:
अमीर तो हम भी बहुत थे,
पर दॊलत सिर्फ दिल की थी……
खर्च भी बहुत किया ए दोस्त,
पर दुनिया मे गिनती सिर्फ नोटों की हुई..!!
Gaurav kumar:
"कफ़न "- भी क्या चीज़ है....
जिसने बनाया उसने बेच दिया....
जिसने खरीदा उसने....
इस्तेमाल ही नही किया !
और जिसने इस्तेमाल किया....
उसे मालूम ही नहीँ !!!!!
Gaurav kumar:
अनकहे शब्दों के बोझ से,
थक जाता हूँ कभी-कभी...,
पता नहीं ख़ामोश रहना,
मज़बूरी है या समझदारी मेरी..!!
Gaurav kumar:
ये औरतों को आदमियों से पता नहीँ क्या दुश्मनी होती है,
गर्मियों में झाडू लगाती हैं तो पंखा बँद कर देती हैं,
सर्दियों में पोछा लगाती हैं तो पंखा चला देती हैं.
Gaurav kumar:
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,
सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते है.'
Gaurav kumar:
कामयाब व्यक्ति अपने चेहरे पर दो ही चीजे रखते है...
मुस्कुराहट और खामोशी...
मुस्कुराहट- मसले को हल करने के लिए
और...
खामोशी- मसलो से दूर रहने के लिए....!!
Gaurav kumar:
बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना,
कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में !!
Gaurav kumar:
शाम कबकी ढल चुकी है इन्तज़ार में…
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बहुत है..l
Gaurav kumar: अधूरी ख्वाइस पूरी हो जाए !
मुझे याद करना उनकी मज़बूरी हो जाए !!
ऐ खुदा कुछ ऐसी तकदीर बना दे मेरी !
की उनकी हर ख़ुशी हमारे बिना अधूरी हो जाए..
Gaurav kumar:
हम तो आपकी ख़ामोशी से भी गुफ्तगू कर लेते है ,
वो कोई और होंगे जिन्हे अल्फ़ाज़ों की जरुरत पड़ती हो..
Gaurav kumar:
लड़की फ्रेंड बनती है, तो शादी जैसी
फिलिंग भले ही न आती हो,,,
पर जब अनफ्रेंड करती है तो कसम से बिना.
शादी के ही तलाक जैसी फिलिंग जरूर आन लगती है।
Gaurav kumar: निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला ,,
कि हर वो शख्स अकेला है जिसने मुहब्बत की है ...!!
Gaurav kumar:
ख्वाहिशो से नहीं गिरते महज फूल झोली में...
कर्म की शाखा को हिलाना होगा।
न होगा कुछ कोसने से अंधेरो को
अपने हिस्से का दिया खुद जलाना होगा।"
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