Khatti+mithi
Gaurav Garv: हम उन्हें कुछ इस कदर चाहते रहें.. की वो कुछ सुन ना सके, और हम कुछ कह ना सके.... Gaurav Garv: वो अक्सर देता है मुझे मिसाल परिंदों की,साफ़-साफ़ नहीं कहता के मेरा शहर छोड़ दो... Gaurav Garv: बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कोन जानेगा , हम तो जले हुवे कागजों से भी अल्फाज़ पढ़ लिया करते हे । Gaurav Garv: जनाजा मेरा उठ रहा था; फिर भी तकलीफ थी उसे आने में; बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी; और कितनी देर है दफनाने में! Gaurav Garv: बेटी की मेहंदी से माँ का ख़्वाब निकला... और शेहनाई से बाप का गम निकला........ Gaurav Garv: प्यार ना हुआ अस्पताल हो गया.. हर शख्स पूछता है सीरियस है क्या... Gaurav Garv: वेसे तो मैं ठीक हु, तेरे बिछड जाने के बाद भी...... बस दिल का ही डर है, कही धडकना ना छोड दे....... Gaurav Garv: तुझे शिकायत है कि मुझे बदल दिया है वक़्त ने... कभी खुद से भी सवाल किया है, "क्या तू वही है......... Gaurav Garv: है तमन्ना फिर, मुझे वो प्यार पाने की……. दिल है पाक मेरा , ना कोशिश कर आज़माने की.... Gaurav Garv: होंठ लगे जब काँपने, करने