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Khatti+mithi

Gaurav Garv‬: हम उन्हें कुछ इस कदर चाहते रहें.. की वो कुछ सुन ना सके, और हम कुछ कह ना सके.... Gaurav Garv‬: वो अक्सर देता है मुझे मिसाल परिंदों की,साफ़-साफ़ नहीं कहता के मेरा शहर छोड़ दो... Gaurav Garv‬: बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कोन जानेगा , हम तो जले हुवे कागजों से भी अल्फाज़ पढ़ लिया करते हे । Gaurav Garv: जनाजा मेरा उठ रहा था; फिर भी तकलीफ थी उसे आने में; बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी; और कितनी देर है दफनाने में! Gaurav Garv: बेटी   की मेहंदी से माँ का ख़्वाब निकला... और  शेहनाई   से बाप का गम निकला........ Gaurav Garv‬: प्यार ना हुआ अस्पताल हो गया.. हर शख्स पूछता है सीरियस है क्या... Gaurav Garv‬: वेसे  तो मैं ठीक हु, तेरे बिछड जाने के बाद भी...... बस   दिल का ही डर है, कही धडकना ना छोड दे....... Gaurav Garv: तुझे   शिकायत है कि मुझे बदल दिया है वक़्त ने... कभी   खुद से भी सवाल किया है, "क्या तू वही है......... Gaurav Garv‬: है   तमन्ना फिर, मुझे वो प्यार पाने की……. दिल   है पाक मेरा , ना कोशिश कर आज़माने की.... Gaurav Garv: होंठ   लगे जब काँपने, करने

Dil se

Hath pakdkar rook lete agar tujhpr jra bhi joor hota mera, naa rote hum you tere liye agar humari zindagi me tere siva koi aur hota ... . . सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचुँ ........ अभी तक इस सोच में हुँ कि और क्या सोचुँ ... . . कभी मिलते हो तुम ख़्वाबों में, कभी मिलते हो तुम यादों में। सपना बनकर क्यों रहते हो, दिलबर मेरी इन आँखों में। हर वक्त मेरे नजदीक रहो, कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी कहो। तेरी यादों की जो खुशबू है, मेरी साँसों को महकाने लगी है। तेरी याद बहुत अब आने लगी है, एक जान है अब वो जाने लगी है। तन्हा तन्हा हम रहने लगे हैं, तन्हाई बड़ा तड़पाने लगी है। उफ्फ तौबा तौबा ये दर्द-ए-मोहब्बत और ये ज़ालिम तन्हाई... . . . अब क्या लिखे हम कागज़ पर, अब लिखने को क्या बाकी है, एक दिल था वो टूट गया , अब टूटने को क्या बाकी है ? एक शख्स को हमने चाहा था , एक रेत पर नक्श बनाया था , वो रेत तो कब की बिखर गयी, वो नक्श कहाँ अब बाकी है, लफ्जों को बनाकर ताजमहल , कागज़ पर सजाया करते थे , वो हमको अकेला छोड़ गये , सब रिश्तो से मुंह मोड़ गये, अब रास्ते सारे सूने है ....

Khatti+mithi

Gaurav Garv.. अलफ़ाजो की बयानगी बता रही आपकी कि.... ज़िन्दगी में दर्द और मोहब्बत का तज़ुर्बा अच्छा है..... Gaurav Garv.. काश कभी ऐसा हो कि .. तुम, मैं और वक्त कहीं एक साथ मिलें .. और तीनों एक दूसरे से .. दूर जाना ही भूल जाएं  !! Gaurav Garv.. लोग चाहकर भी नही पड़ना चाहते,      हमारी मोहब्बत में , कहते है तुम दिल में नही ,         रूह में समां जाते हो ........!!!!!! Gaurav Garv.. जिसकी कॊई गारंटी नहीँ उसका नाम हैं जिंदगी  जिसकी गारंटी हैं उसका नाम हैं मौत।। Gaurav Garv.. हर एक लकीर, एक तजुर्बा है जनाब, झुर्रियां चेहरों पर, यूँ ही आया नही करती ! Gaurav Garv.. तू कहे तो तोड दूँ हर रस्मों- रिवाज दुनिया की... पर मेरा चेहरा तेरी आँखों में -------नजर आये तो सही.... Gaurav Garv.. औरो की तरह हम नही लिखते है डायरियां..!! बस याद उसकी आती है और बन जाती है शायरियाँ..!! Gaurav Garv.. तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है यूँ तो रातों को नींद नही आती पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है. Gaurav Garv.. कोहराम मचा रखा है.. दिसंबर की सर्द ह

Khatti+mithi

Gaurav Garv.. रूठी जो ज़िंदगी तो माना लेंगे हम मिले जो गम वो सह लेंगे हम बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो निकलते हुए आँसुओ मे भी मुस्कुरा लेंगे हम… Gaurav Garv.. मेरे अलफ़ाज़ तो चुरा लोगे.. वो दर्द.. कहाँ से लाओग Gaurav Garv.. ऐ रात तू मेरे अकेले पन पर इस कदर मत हस, वर्ना तू उस दिस बहुत पछताएगी, जब मेरी मोहबह्त मेरी बाहो में होगी.. Gaurav Garv.. तुझसे अच्छे तो जख्म है मेरे, उतनी ही तकलीफ देते है जितनी बर्दास्त कर सकूँ !! Gaurav Garv.. मेरी यादो मे तुम हो मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो, मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो, दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात, मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो… Gaurav Garv.. तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता, सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती| Gaurav Garv.. नीलाम कुछ इस कदर हुए, बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज, बोली लगाने वाले भी वो ही थे, जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे!! Gaurav Garv.. चाँद भी झाँकता है अब खिङकियोँ से... मेरी तन्हाईयोँ का चर्चा आसमानो मे है...! Gaurav Garv.. तेरी रौ