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Khatti+mithi

Gaurav Kumar तेरी मोहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई .. Gaurav Kumar: हम नफरत के काबिल थे तो नफरत से ही मार देते...!! क्यों अपनी महफ़िल में बुलाकर प्यार से कह दिया कौन हो तुम.. Gaurav Kumar: कहाँ तलास करोगे मुझ जैसाचाहने वाल जो अपनी हद पार करके भीतुम्हे याद करता है.. Gaurav Kumar: मुसीबत में अगर मदद माँगो तो सोच कर माँगना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और अहसान जिन्दगी भर का Gaurav Kumar: देखे हैं इतने ख्वाब कि अब अपने रू-ब-रू, उनको भी देख लूँ तो समझता हूँ ख्वाब है। Gaurav Kumar: हम तो कब से अपनी जान हथेली पे लिये घूम रहे हैं,, कमबख्त कोई लेता ही नही... Gaurav Kumar: मैं मरीज ऐ इश्क़ हूँ मेरी दवा हो परदे में मेरा गुनाह था परदे में मेरी सजा हो परदे में ।.... Gaurav Kumar: अगर तुम्हे यकीन है तुम्हारे शक पर, तो हमे शक है तुम्हारे यकीन पर.. Gaurav Kumar: तुजको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा... साल बदलेगा... मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा. Gaurav Kumar: लगता है जैसे जिन्दगी भूल बैठी है मुझे...... 🍂बहोत वक्त हुआ मुलाकात किये

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Gaurav kumar: दिल में रहने की इजाजत नहीं मांगी जाती, ये तो वो जगह हैं, जहाँ कब्जा किया जाता हैं.... Gaurav kumar: उसने मस्जिद के सामने घर क्या खरीदा, एक पल में सारा शहर नमाज़ी हो गया .... Gaurav kumar: एक काम की बात चलो सबको बताते है, दुश्मन होते नही है हम खुद ही बनाते है... Gaurav kumar: उसने हर नशा लाकर सामने रख दिया ...और कहा, सबसे बुरी लत कोैनसी है मैंने कहा .... तेरे प्यार की... Gaurav kumar:  ये मेरी मोहब्बत थी की दिवानगी की इंतेहा.. तेरे सामने ही बैठा रहा तेरे ही खयालों मे Gaurav kumar: दीवाने लोग मेरे दीवाने हो रहे हैं, तुम मेरी शायरी में वो असर छोड़ गई ह Gaurav kumar: तुझे क्या देखा,खुद को भूल गए हम इस क़दर, कि अपने ही घर आये,औरों से पता पूछकर.... Gaurav kumar: कसी  ने क्या खूब कहा है अकड़ तो सब में होती है , झुकता वही है जिसे किसी की फिकर होती है ! Gaurav kumar: ना में तुम्हे खोना चाहता हूँ ना तेरी याद में रोना चाहता हूँ जब तक ज़िन्दगी है मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा बस यही बात तुमसे कहना चाहता हूँ Gaurav kumar: फ़ोकट का ज्ञान .....        जब फोन क

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Gaurav kumar: क्यों मरते हो बेवफा सनम के लिए…. एक कद जगह भी नहीं मिलेंगे दफ़न के लिए… मरना है तो हिन्द ये वतन के लिए मरो हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए ….. Gaurav kumar: उनका भी कभी हम दीदार करते है उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है ! Gaurav kumar: पेन्सिल-रबर भी तोड़ कर  तुझसे बांटे हैं ऐ दोस्त... अब थोड़ा-सा वक़्त बांटना भी  तुझे फिजूल लगता है...!!! Gaurav kumar: टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता …….. Gaurav kumar: वो कहते हैं शराब धीरे-धीरे जान लेती है। वैसे फर्क किसे पड़ता है, मरने की जल्दी भी किसे है। Gaurav kumar: किसी की पूरी तो...किसी की अधूरी... पर सब की कोइना कोई कहानी जरुर होती है ... Gaurav kumar: तूँ उनके वादे का जिक्र उनसे ना कर ग़ालिब , यह क्या,कि तुम कहो,और वो कहेँ , कि याद नहीँ Gaurav kumar: मौत से इसलिए भी डरता हूँ कि उस ऊपरवाले को क्या मुँह दिखाऊंगा.

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Gaurav kumar: ज़न्दगी के लिए एक बेहतरीन सोच- हर एक की सुनो… ओर हर एक से सीखो… क्योंकि,,हर कोई सब कुछ नही जानता,, लेकिन…हर एक कुछ ना कुछ ज़रुर जानता है.. Gaurav kumar: तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ.. ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जायेंगे.. Gaurav kumar: bachpanकी आदतें भी तो, जल्दी नहीं जातीं. अब भी वो मचल जाते हैं कि हम खेलेंगे तेरे दिल से.. Gaurav kumar: भले जुबान अलग पर जज्बात तो एक है, उसे खुदा कहूँ या भगवान बात तो एक है… Gaurav kumar: कागज़ के नोटों से आखिर किस किस को खरीदोगे... किस्मत परखने के लिए यहाँ आज भी, सिक्का हीं उछाला जाता है Gaurav kumar: सिखा ना सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे, फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े और ना जाने कितने सबक सीख लिए। Gaurav kumar: खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो की किसी ओर की बुराई का वक्त ही ना मिले...... "क्यों घबराते हो दुख होने से, जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से.. नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है... लोग "रूलाना" नहीं छोडते... और हम "हसना" नहीं छोडते... Gaurav kumar