Khatti+mithi

Gaurav kumar:
पत्नियाँ दो तरीके की होती हैं...

१. वो जो पति की बात सुनती है, उसके विचारों को समझती है, प्यार से पेश आती है, कभी भी कोई फरमाइश नहीं करती और तो और पति कितना भी गुस्सा करे वो मुस्कुराती रहती है...

और,

दूसरी....वो ,
जो आप के पास है.....

Gaurav kumar:
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए, कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए, आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था, आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए.

Gaurav kumar:
Paane se khone ka maza aur hai…Bandh aankhon main rone ka maza aur hai…Aansoo bane lafz aur lafz bane ghazal…aur uss ghazal main tere hone ka maza aur hai…

Gaurav kumar:
माँ जो भी बनाये उसे बिना नखरे किये खा लिया करो।।
क्योंकि दुनिया में ऐसे लोग भी है
जिनके पास यां तो खाना नही होता
या माँ नहीं होती..

Gaurav kumar:
तुझे दिल से भुलाने की हमें फुर्सत नहीं
मिलती,
सभी को हंस के जीने की
यहां किस्मत नहीं मिलती,
लगा कर दिल बहुत नुक़सान अपना कर लिया मैंने,
मुझे ही आईने में अब मेरी सूरत
नहीं मिलती,
पड़ा हूं कशमकश में मैं निभेगी उम्र भर कैसे,
हमारी एक-दूजे से कोई आदत नहीं
मिलती,
लुटे दिल से निभाई है वफ़ा ता -ज़िंदगी हमने,
सुना है बेवफ़ाओं को कभी जन्नत नहीं
मिलती,
मेरे दिल में ये कैसा दर्द उठा करता है रह रहकर,
दवाएं आज़माईं सब मगर राहत नहीं
मिलती..!!

Gaurav kumar:
उन्होंने देखा और हमारे आंसू गिर पड़े;
भारी बरसात में जैसे फूल बिखर पड़े;
दुःख यह नहीं कि उन्होंने हमें अलविदा कहा;
दुःख तो ये है कि उसके बाद वो खुद रो पड़े ।

Gaurav kumar:
ज़बरन ही हामी भराई गई
थी
शादी के मंडप बिठाई गई थी
अजीब सी हालत थी दिल
की मगर
मुस्का कर फोटो खिचाई गई

Gaurav kumar:
किसी शायर की बात पर ऐतबार मत करना,
दोस्ती की हद कभी पार ना करना,
खो दोगे उसे हमेशा के लिए,
इसलिए जो सबसे अच्छा लगे,
उससे कभी प्यार ना करना

Gaurav kumar:
Azeeb bebasi ka aalam hai Kuchh guftagu
adhoori hai,
Meri chahat ka rahe nishaaN tera milna bahut
jaroori hai!!

Gaurav kumar:
गुरुर-ए-हुस्न की मदहोशी में उनको ये भी खबर नहीं,

कौन चाहेगा सिवा मेरे उनको उम्र ढल जाने के बाद ♡

Gaurav kumar:
जिनकी आँखो मै कोई ख्वाब नहिँ**जिंदगी
उनकी कामयाब नहि**लोग खुशबू से जान लेते है मै
खिला हूँ कहे गुलाब नहि**देनी पडती है
सर कि कुरबानी दोस्तो सिँफ नारो से इंकलाब
नहीँ** उसका घर घर नहि तबेला है जिसके घर मेँ
किताब नहिँ**ज़ब जवां थे तो कम तजुरबे थे अब तजुरबां है तो
शबाब नहीँ** जितना समझा है आपने मुझको उतना
आदमी मै खराब नहीं***

Gaurav kumar:
मालूम था वो मुझे बहुत सताएगा
पर इल्म न था मुझे इस कदर रूलाएगा.
मुझे सपने दिखा के सुनहरे आसमां के
मुझसे छीन के मेरी जमीं
हीं ले जाएगा.
जिसनेे मुस्कुराने की इतनी वजहें
दी है
वही मोती बनके पलकों पे जगमगाएगा.
कैसे भरे कोई दिल -ए-नादान हसरतों की उड़ान
जब वो मेरे पंखों को हीं तोड़ ले जाएगा.
बेचैन रात को नींद आएगी भी
तो कैसे
जब कोई आँखों से ख्वाब हीं ले जाएगा.
आज से हम भी अच्छे बन गये "रचना"
मेरी खुशी मेरे गम कोई जान न
पाएगा....!!!!!

Gaurav kumar:
Bhigi bhigi sadko pe me tera intzar kru..
Tere sang jine ki ksme kru..
Har sans har khuawab tere aane ke intezar me
bharu..
Bhigi bhigi sadko pe me tera intzar kru..
Teri har khusi ki tamnna puri krne ki rub se me
duaa kru..
Teri har khuwais ke liye me ye zindagi kurwan
kru..
AYe meri mohbbat inkar na kr meri mohbbat ko
jhuti smjke..
Meri mohbbat ko apna le ak gulab ka fool
smjke...

Gaurav kumar:
Pyaar ke samandur me sab doobna chahte hai,
Pyaar me kuch khote hai to kuch pate hai,
Pyaar to ek gulaab hai jise sab todna chahte
hai,
Hum to is gulaab ko choomna chahte hai..

Gaurav kumar:
Pyaar ke samandur me sab doobna chahte hai,
Pyaar me kuch khote hai to kuch pate hai,
Pyaar to ek gulaab hai jise sab todna chahte
hai,
Hum to is gulaab ko choomna chahte hai..

Gaurav kumar:
तुझसे बस इतनी गुजारिश है
खुद को दुखी ना किया कर
कुछ मेरे बारे में भी सोच लिया कर
जिंदगी की बगिया से खुशी
के लमहे
तू चुन लिया कर और दुख
मेरे लिये छोड़ दि

Gaurav kumar:
टूटना, टूटकर बिखरना
फिर  खुद को समेटना
और फिर टूट जाना
कुछ इस तरह मशरूफ
रखती है मुझे मेरी
एक तरफा मोहब्बत..

Gaurav kumar:
" मैं तो मोम हूँ........ ज़रा सी आँच से पिघल
जाऊँगा...
और फिर जिस सूरत में चाहोगे......... ढल जाऊँगा "

Gaurav kumar:
ना तुम बिराजे हो मदिंरो मे,ना तुम बिराजे हो मेरे तन मे
अगर बिराजे थे द्वरिका मे,तो तुम बिराजे हो मेरे मन मे
तुम्हें ढुँढते है जग मे मोहन,नहीं मिले हो तो
सिलसिलों मे
सही हो मेरे भाग्य मे मोहन,अगर मिले हो तो बस
दिलों मे

Gaurav kumar:
आँखे मूँद लेने से नींद नहीं
आती,
सोते तो वो लोग है जिन्हें किसी की
याद नहीं आती...

Gaurav kumar:
Yeh mausam barish ka ab pasand nahi mujhe...
.
Aye khuda
.
Mere apne aansu hi bahut hai mere bheeg jane
ke liye..!!

Gaurav kumar:
Mit jaye ye duri agr tum chaho!!!
Na koi ho majburi agr tum chaho!!!
Hme chahne wale bhut hai mgr!!!
Dil ki ye tamnna hai ki hme tum chaho!!!

Gaurav kumar:
तन्हा दिन, उदास शाम, और रात ये अजीब
है . . . !!
.
..
.
जिनके हमशफर उनके साथ है, वो कितने
खुशनसीब
है . . !!

Gaurav kumar:
तुम्हारे बिन अकेले ज़िन्दगी अब जी
नहीं जाती
तुम्हारे नाम के बिन साँस तक ये ली
नहीं जाती
विरह की वेदना जज़बात दिल के यूँ कहूँ किस से
गिले,शिकवे,शिकायत ग़ैर से तो की
नहीं जाती

Gaurav kumar:
जब भी अपनी शख्शियत पर
अहंकार हो,
एक फेरा शमशान का जरुर लगा लेना।
और....
जब भी अपने परमात्मा से प्यार हो,
किसी भूखे को अपने हाथों से खिला देना।
जब भी अपनी ताक़त पर गुरुर हो,
एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना।
और….
जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो,
अपने माँ बाप के पैर जरूर दबा देना

Gaurav kumar:
लोग आपको गुलाब कहते है
      और जाने शबाब कहते है
      आप जैसे हसीन चेहरे को हम
         खुदा की किताब कहते हैं .

Gaurav kumar:
Mile kisi se najar to samjho gazal huyi
Rahe na apni khabar to samjho gazal huyi
Vo badguma hai to sher sujhe na shayari
Vo rahanuma hai to samjho gazal huyi .

Gaurav kumar:
दिन की शुरुआत अगर गुलाब से हो जाए ।
हर लम्हा लाजवाब सा हो जाए ॥
चेहरे पे उसके कोई नकाब हो अगर ।
मोहब्बत मुझे उसके नकाब से हो जाए ॥

Gaurav kumar:
"अपने बिछड़ न जायें बस ऐसी चाल रखना
तुम मेरी धड़कनों को खुद से सम्हाल रखना
वापस जरूर आऊंगा जिंदगी रही तो
तुम मेरी जिंदगी हो अपना ख्याल रखना"
सुनील यादव

Gaurav kumar:
आजकल कुछ धुंधला सा दिखता है,,, शायद इन आँखों में तू रहने
लगा है...! बहुत कोशिश की तुझे भुलाने
की,,, पर अब ये नामुमकिन सा लगने लगा है..!!

Gaurav kumar:
आजकल कुछ धुंधला सा दिखता है,,, शायद इन आँखों में तू रहने
लगा है...! बहुत कोशिश की तुझे भुलाने
की,,, पर अब ये नामुमकिन सा लगने लगा है..!!

Gaurav kumar:
आजकल कुछ धुंधला सा दिखता है,,, शायद इन आँखों में तू रहने
लगा है...! बहुत कोशिश की तुझे भुलाने
की,,, पर अब ये नामुमकिन सा लगने लगा है..!!

Gaurav kumar:
*मुझे समझना है तो मुझ में उतर कर देख ऐ "जान",,,,,,,,किनारे से कभी समुन्दर की गहरायी का पता नहीं चलता ,,,,

Gaurav kumar:
आज फिर तुमसे मिलने को दिल चाहता हैझील सी आँखों में फिर खोने को दिल चाहता हैइंतना हसीन था तुम्हारा आंसू पोछने का अंदाज़आज फिर रोने को दिल चाहता ह

Gaurav kumar:
Na Jane Kya Masoomiyat Thi Us Ke Chehre Par,Usko Manane Se jyada Uska Rooth Jana Achha Laga.

Gaurav kumar:
Woh jo sar jhuka ke baithe hain.Hamara dil chura ke baithe hain.Humne unse kaha hamara dil hume lota do.To bole, hum to HATHON ME MEHNDI laga ke baithe hain.

Gaurav kumar:
लेती नहीं दवाई "माँ",जोड़े पाई-पाई
"माँ"।
दुःख थे पर्वत, राई "माँ, हारी नहीं लड़ाई
"माँ"।
इस दुनियां में सब मैले हैं,किस दुनियां से आई
"माँ"।
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे, गरमागर्म रजाई
"माँ" ।
जब भी कोई रिश्ता उधड़े ,करती है तुरपाई
"माँ" ।
बाबू जी तनख़ा लाये बस लेकिन बरक़त लाई
"माँ"।
बाबूजी थे सख्त मगर ,माखन और मलाई
"माँ"।
बाबूजी के पाँव दबा कर ,सब तीरथ हो आई
"माँ"।
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,मां जी, मैया, माई,
"माँ" ।
सभी साड़ियाँ छीज गई थीं, मगर नहीं कह पाई
"माँ" ।
घर में चूल्हे मत बाँटो रे, देती रही दुहाई
"माँ"।
बाबूजी बीमार पड़े जब ,साथ-साथ मुरझाई
"माँ" ।
रोती है लेकिन छुप-छुप कर,बड़े सब्र की जाई
"माँ"।
लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,रह गई एक तिहाई
"माँ" ।
बेटी रहे ससुराल में खुश,सब ज़ेवर दे आई
"माँ"।
"माँ" से घर, घर लगता है, घर में घुली, समाई
"माँ" ।
बेटे की कुर्सी है ऊँची, पर उसकी ऊँचाई
"माँ" ।
दर्द बड़ा हो या छोटा हो, याद हमेशा आई
"माँ"।
घर के शगुन सभी "माँ" से, है घर की शहनाई
"माँ"।
सभी पराये हो जाते हैं, होती नहीं पराई
"माँ ।

Gaurav kumar:
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया..

Gaurav kumar:
हम तो नादान हैं क्या समझेंगे उसूल-ए-मोहब्बत !! बस तुझे चाहा था, तुझे चाहा है और तुझे ही चाहेंगे !!

Gaurav kumar: तुम्हारे बिना मैं वैसे ही अधूरा हूँ जैसे …...फ्रेंड्स के बिना फेसबुक ….वीडिओज के बिना यूट्यूब और …रिजल्ट्स के बिना गूगल !!!

Gaurav kumar:
मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है ... जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं...

Gaurav kumar:
मेरा वजूद नहीं किसी तलवार और तख़्त ओ ताज का मोहताज, में अपने हुनर और होंठो की हंसी से लोगो के दिल पे राज करता हैं..

Gaurav kumar:
कभी भूल कर भी मत जाना "महोब्बत" के जंगल में!!!
.
.
यहाँ साँप नहीं "हमसफ़र" डसा करते हैं।!!

'महोब्बत"‬ अब ‪"समझदार"‬ हो गई है, ‪.
.
.
'हैसियत"‬ देख के आगे ‪बढ़ती‬ है..!!!

Gaurav kumar:
जब तेरी याद आती है ना...!
आँखे तो मान जाती हैं...!
पर ये कमबख्त दिल रो पडता है।

Gaurav kumar:
आंखों में जल रही है जबसे तेरी शमा
मेरे रूह की..
गलियों में अंधेरा नहीं होता राही.

Gaurav kumar: तमाम रात वो साये करीब रहते हैं,

मैं जिनसे ...

दिन के उजाले में रूठ जाता हूँ.....

Gaurav kumar:
लबों से अगर तुम बुला ना सको तो,
निग़ाहों से तुम नाम ले कर बुला लो...
तुम्हारी निग़ाहें बहुत बोलती हैं,
ज़रा अपनी आँखों पे पलकें गिरा दो..!!

Gaurav kumar:
आज असमान के तारों ने मुझे पूछ लिया;
क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का!
मैंने मुस्कुराकर कहा;
तुम लौट आने की बात करते हो;
मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने का!

Gaurav kumar:
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!

Gaurav kumar:
तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे ,, शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे…!!!

Gaurav kumar:
अगर हम जैसे शरीफो ने दादागिरी शुरु करदी तो ,, इन हसिनाओ को कोन संभालेगा !!

Gaurav kumar:
दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे , लोग पैदल चैलेगे और हम कंधो पर ..!!

Gaurav kumar:
आदते बुरी नहीं , शौक ऊँचे हैं ,, वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही की , हम देखे और पुरा ना हो...

Gaurav kumar:
वादोँ से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने,
अब से जल्दी सोया करेँगेँ मोहब्बत छोड दी मैँने !!

Gaurav kumar:
हम ने पूछा आज मीठे में क्या है ?
उसने ऊँगली उठाई और होंठों पे रख दी..

Gaurav kumar:
क्यूँ हर बात में कोसते हो तुम लोग नसीब को,
क्या नसीब ने कहा था की मोहब्बत कर लो.....!!!!

Gaurav kumar:
जरा अपना ख्याल रखना दॊस्तो,
सुना है, इश्क इसी महीने में शिकहै।

Gaurav Garv:
"मुझको रोते देख कर क्यों परेसान हो,
ये सबनम तो मेरी आँखों की जान हैं,
इतने गम के साये लगे हैं मेरे पीछे,
खुद मौत मेरी जिंदगी पे हैरान हैं ...."

Gaurav kumar:
बाग में टहलते हुये एक दिन, जब वो बेनकाब हो गए..
जितने पेड़ थे बबूल के सब के सब गुलाब हो गए..

Gaurav kumar: 
टक्करा जाता हूँ अक्सर मैं तेरे साये से,
♡♡
तुम दिखती जब नही हो तो महसूस क्यों होती हो मुझे..

Gaurav kumar:
जरा ‪अपना‬ ख्याल रखना
दोस्तों
सुना है ‪‎इश्क‬ इसी महीने में ‪‎शिकार‬ करता है।

Gaurav kumar:
एक ऐसा हमसफ़र चाहिए था जो
हमदर्द बन सके
दिखावे की मोहब्बत तो सारा जहाँ मुझे से करता है

Gaurav kumar:
तुमने चाहा है मुझे ये करम क्या कम है;
तुम प्यार करते हो मुझसे ये भरम क्या कम है;
एक दिन ये भरम टूटेगा मेरा,
उफ़ किस्मत का ये सितम क्या कम है

Gaurav kumar:
कभी तो पोंछ के देखो, मेरे अरमानो के अश्क, आपका दुपट्टा
बादल न बन जाए तो कहना..

Gaurav kumar:
एक सांस भी नहीं होती पूरी बिना तेरे ख्याल के,
और तुम कहती हो कि हम जिंदगी गुजार दे बिना तेरे...

Gaurav kumar: फासले और बनालो....
ऐतराज़ हमने कब किया,
तुम भी ना भुला सकोगे मुझको...
वो अंदाज़ हूँ मैं . . .

Gaurav kumar:
यादों से तेरी घुटने लगा है … दम मेरा !!
मुझ को तेरी यादों से अब तलाक़ चाहिए !!

Gaurav kumar:
मोहब्बत का शोक  ना रखिए  साहिब.,,.
इसमें साँस आती नहीं और  जान जाती नहीं
.,,!!!,.

Gaurav kumar:
इश्क में मायने कुछ ऐसे बदल जाते हैं।
**
हम तेरे होठों को भी छूने से जल जाते हैं।
**
**

Gaurav kumar:
रोज स्टेटस बदलने से जिंन्दगी नहीं बदलती जिंदगी को बदलने के लिये एक स्टेटस काफी है.

Gaurav kumar:
बहुत दिन हुए तुमने बदली नही तसवीर अपनी
मैंने तो सुना था चाँद रोज़ बदलता है चेहरा अपना।।

Gaurav kumar:
तु अभी मांग ले
दुआ मुझसे
रु-बरु मिलने
के लिए.....
मेरी कब्र के पास
बैठकर तेरा रोना
मुझे बुरा
लगेंगा ...!!!

Gaurav kumar:
आशिक़ हैं तेरे ,जब दिल चाहे पुकार लो
… दुनिया की उलझने हम पे छोड़ दो तुम बस ज़रा अपनी ज़ुल्फ़ें सवार lo..

Gaurav kumar: Aap jo so gaye to khwab hamara aayega
Ek pyari si muskaan aapke chehre per layega
Khidki darwaje dil ke khol ker sona
Warna aap hi batao hamara khwab kha se aayega…

Gaurav kumar:
Tujhe Dil Se Juda Kabhi Hone Nahi Denge,
Tujhe Nind B Aaye To Sone Nahi Denge,
Tera Pyar Humein Itna Pyara Hai K
Hum Mar B Gaye To Tujhe Rone Nahi Deng..

Gaurav kumar:
लोगो से कह दो हमारी तकदीर से जलना छोड़ दे. हम घर से दवा नही माँ की दुआ लेकर निकलते है .

Gaurav kumar:
जिन्दगी ने सवालात बदल डाले, वक्त ने हालात बदल डाले, हम तो आज भी वही हैं जो कल थे, बस लोगों ने अपने ख्यालात बदल डाले

Gaurav kumar:
Teri Har Ada Mohabbat Si Lagti Hain
Ek Pal Ki Bhi Judai Muddat Si Lagti Hain
Pehle Nahi Soocha Tha
Aab Soochne Lage Hain
Jindgi Me Har Pal Teri Jarroorat Si Lagti Hain…

Gaurav kumar:
"उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे ,
वो मेरा होने से ज़्यादा मुझे पाना चाहे !
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा उसका ,
ये मुसाफ़िर तो कोई और ठिकाना चाहे !
एक बनफूल था इस शहर में वो भी न रहा ,
कोई अब किस के लिए लौट के आना चाहे..
हम अपने जिस्म से कुछ इस तरह हुए रुखसत ,
साँस को छोड़ दिया जिस तरफ़ जाना चाहे...!"

Gaurav kumar:
पत्थर दिल ही होते हैं ये शायर,
वरना अपनी आह पर वाह सुनना मज़ाक नहीं..!!!

Gaurav kumar:
नींद छीन रखी है उसकी यादों ने...
गिला उसकी दूरी से करें या अपनी चाहत से

Gaurav kumar:
बेनूर सी लगती है उससे बिछड़ के जिंदगी..
अब चिराग तो जलते है मगर उजाला नहीं करते...........!!!

Gaurav kumar:
चली आती है... तेरी याद मेरे जहन में अक्सर..
तुझे हो ना हो.. तेरी यादो को जरूर मुझसे मोहब्बत है...!!

Gaurav kumar:
Kyon Tune Pyar Main Dhoka Diya..
Kyon Na Sachha Pyar Tha Mujhse Kiya..
Khamiyaan Kaun Si Mujhme Thi..
Kyon Meri Wafaaon Ka Aisa Sila Hai Diya..
Humne To Tujhe Toot Kar Chaha Tha..
Duniya Ko Bhi Tere Liye Tha Chhod Diya..
Dil Se Khoob Khel Kiya Tune
Kyon Na Mujh Par Tune Ki Daya..
Aaj Main Khood Se Naaraz Hoon..
Duniya Ki Naa Maan Kar
Kyon Sirf Tera Bharosa Kiya...
Loot Kar Meri Duniya Ko
Tune Mujhe ,Jaise Bin Maut Hi Maar Diya..

Gaurav kumar:
तन को चाहे  जितना  रंग लो..
कोई फर्क नहीं होगा ..
मन को जिस दिन  रंग लोहे
वृंदावन  हो जाएगा..

Gaurav kumar:
पहले मेरा दिल ले गई अदाएं दिखाकर ..
फिर कहने लगी मुझमें तुमसे प्यार नही..ं
मैंने कहा  ओ बेवफा लौटा दे मेरा दिल.. हंस कर वह बोली दिल है  पुरस्कार नही..

Gaurav kumar:
ये किसी काम का  नहीं होता ..
ये किसी धाम  का नहीं होता ..
प्यार में जब तिलक नहीं टूटे दिल ..
किसी काम का नहीं होता

Gaurav kumar:
क्या जरूरत गाल पे थी लट गिराने की..
क्या जरूरत चाल मे थी मटक लाने की..
तिरछी निगाहें ही तेरी बेहोश कर देती ..
क्या जरूरत थी  पलट कर मुस्कुराने की.

Gaurav kumar:
न मैं राहों में रहता हूँ
न मैं मंजिल मे रहता हूँ ...
सफर में मुश्किल रहती है मैं मुश्किल में रहता हूँ ...
घटाने जोड़ने मे लोग माहिर है तो रहने दो..
गणित में नहीं रहता  मैं हासिल में रहता हूँ

Gaurav kumar:
कभी कुछ ग़म भी हो हरदम ख़ुशी अच्छी नहीं होतीहमेशा एक जैसी ज़िन्दगी अच्छी नहीं होतीउसे पाकर तुम अपने आप को भी भूल बैठे होकिसी पर इतनी भी दीवानगी अच्छी नहीं होती

Gaurav kumar:
तुम्हारे लिए ख्यालों मे लफ़्ज़ों की एक कायनात,सजाते है ..
हर रोज.शायरों से रोमानी बाते..औलिओं से रूहानी बाते..
आशिकों से जज्बाती बाते..किताबों से ढूंड ढूंड कर..
करते है जेहन में जमाँ फिर भी तुम्हारे रूबरू होते ही खुल जाते है ...
जैसे कई पिंजरे से सारे लफ्ज़  पंछियों की तरह उड़ जाते है..
एक ऐसा अहसास हो मेरे लिए, जिसके लिए..
दुनिया के सारे लफ्ज़कम पड़ जाते है!

Gaurav kumar:
वो इंसान बहुत था प्यारा सा, दो लफ्ज़ उससे कहने थे…
उलझा था वो कहीं खुद में, कुछ जज्बात उसके ज़हन में थे…
मैं कहता कहीं, वो सुनता कहीं…मैं गुनता कुछ, वो कहता कहीं…
अच्छा हुआ कुछ ना ही कहा…वो हर्फ़ किसको पढने थे…
वो इंसान बहुत था प्यारा सा, दो लफ्ज़ उससे कहने थे…

Gaurav kumar:
बारहा गुजरे ज़माने ढूँढते हैं..
तुमसे मिलने के बहाने ढूँढते ..
हैंक्या पता किस मोडपर मिल जाएगा वो?
गुमशुदा दिल को दिवाने ढूँढते हें..
ये तो बस दीवानगी की इंतहा हैगूंगी गलियों में तराने ढूँढते हैं

Gaurav kumar:
इक लफ्ज़-ए-मोहब्बत का अदना सा फ़साना है..
सिमटे तो दिले आशिक फैले तो ज़माना है.. ये किस का तसव्वुर है ये किस का फ़साना है ..
जो अश्क है आखों में तस्बीह का दाना है..
हम इश्क में मारों का बस इतना फ़साना है..
रोने को नहीं कोई हसने को ज़माना है

Gaurav kumar:
अनकहे लफ़्ज़ों की कुछ और ही कहानी है,
कुछ बातें, तो कुछ पहेलियों की ज़ुबानी है,
छुपाते हैं बातें वो, पहेलिओं कि ओट में,..
क्यों भूल जाते हैं की,सफ़र है लंबा और कुछ पल कि रवानी है...
तड़प जाते हैं हम, वस्ल-ए-यार को ,पल-दो-पल उनके साथ को...
पर उनके लिए तो हर तड़प मेरी,जैसे एक नई कहानी है.

Gaurav kumar:
ये चार काग़ज़, ये लफ्ज़ ढाईहै उम्र भर की यही कमाईकिसी ने हम पर जिगर उलीचाकिसी ने हमसे नज़र चुराईदिया ख़ुदा ने भी ख़ूब हमकोलुटाई हमने भी पाई-पाईन जीत पाए, न हार मानीयही कहानी, ग़ज़ल, रुबाईन पूछ कैसे कटे हैं ये दिनन माँग रातों की यूँ सफाई

Gaurav kumar:
मंज़िले तो कब से हाथ फैलाये खड़ी है,उन्हें बस तेरी रवानगी की जरुरत है,बस याद रखना है मेरे यार इतना ,ये वो राहें है, जिन्हें तेरी दीवानगी की जरुरत है.

Gaurav kumar:
सोचता हूँ कुछ लफ्ज़ कर दूँ तेरे नाममैं भी आज लिख दूँ क्यों न तुझे एक पैगामक्या कहूँ क्या लिखूँ बड़ी उलझन में हूँ मैं यहाँलफ्ज़ मिलते ही नहीं जो कर दें मेरा दर्दे-दिल बयाँ

Gaurav kumar:
तेरी यादों के मौसम सुहाने मिले हैंतेरी फुरकत मैं हम क्यूँ करें आँख नमजब साथ तेरे हंसी के जमाने मिले हैंमेरी दीवानगी मैं तू भी हो जा कभी शामिलमिल कभी ऐसे, जैसे कि दो दिल दीवाने मिले हैं

Gaurav kumar:
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,आज भी इंतजार है तेरे आने का

Gaurav kumar:
दीवानगी  के दामन पर अनेकों सुराख होते,
ज़रा भी अगर हमारे मनसूबे नापाक होते।
उल्फत दस्तक न देती तेरे दिल के द्वार पर,
प्रेम की तपिश में जलकर न हम खाक होते।
तुम्हीं ने ढककर रखी, ख्वाइशे लिबास में,
हर पर्दा गिरा देते, थोड़ा अगर बेबाक होते।

Gaurav kumar:
उसने मेरी महोब्बत का, इस तरह तमाशा किया. कि हम मरते है उनके प्यार मे, और वो हसते रहे मेरी दीवानगी पर.

Gaurav kumar:
उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों मेंइसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।

Gaurav kumar:
होता नहीं महसुस दर्द आज तेरे जखमों का,
क्यों आज तेरी तलवार की धार कम है,
कुछ दे ऐसे जख्म आज  मुझको
क्युँ लगता है की आज तेरा प्यार कम है..

Gaurav kumar:
मेरी आँखों के समंदर में जलन कैसी है,
आज फिर दिल को तडपने की लगन कैसी है,
अब इस राह पे चिरागों की कतारे भी नहीं,
अब तेरे शहर की गलियों मे घुटन कैसी है...

Gaurav kumar:
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं,
दूर वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं,
मालूम है अब भी प्यार करता है मुझसे,
वो थोडा सा जिद्दी है मगर बेवफा नहीं.

Gaurav kumar:
एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की..
मैने पल पल कोशिश उसके पास जाने की,
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,
दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की..

Gaurav kumar:
वो सहर थी, खिल गई...
में दिन था, ढ़ल गया...
: वो मंजिल थी, खो गई, मैं रास्ता था, भटक गया..
वो ग़ज़ल थी जो गुनगुनाई , मैं आह था खामोशियों में ढल गया,,,
: वो मुस्कान थी, खो गई, मैं जज्बात था, बिखर गया..
वो सांस थी, रूक गयी, मैं जिंदगी था, ठहर गया..
वो रेत थी, फिसल गई, मैं समंदर था, सुख गया..
: वो अश्क थी, बह गयी, मैं दर्द था, सह गया..

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