Gaurav Kumar: उम्र भर सूखे पत्तों की तरह बिखरे हुए थे हम , आज किसी ने समेटा, वो भी जलाने के लिए । Gaurav kumar: जा सो जा साक़िया, आज नहीं चढ़ती शराब teri,, आज नशा है ख़ुशी का, आज जागी है फ़ौज मेरी,, आज जागी है सरकार मेरी,, आज दी है श्रदांजलि शहीदों को,, आज बदन नहीं , नशे में है रूह मेरी....... Gaurav kumar: कभी इन अदाओं का जुल्म,कभी इन निगाहों का जुल्म..!!?? अगर हम तेरे आशिक़ न होते तो यकीनन तेरे कातिल होते. Gaurav Kumar: ऐ बारिश जरा खुलकर बरस, ये क्या तमाशा है....!! इतनी रिमझिम तो रोज हमारी आंखो से होती है ....!!" Gaurav kumar: jhootha hi shi ek pal ke liye hasaya to shi, jhootha Johann at ka nakhra dikhaya to shi.. jab tune mere dil pe vaar kiya khanjar lekar,, maine bhi tujhe pyar se bulaya to shi,, unhe ishq me berukhi mili to utha liye hathiyar,, chal "Gaurav" tune kalam uthaya to shi... Gaurav Kumar: दर्द में हर कोई मुस्कुरा नहीं सकता, अपने दिल की बात सबको बता नहीं सकता। ये रोशनी लेने वालों खुद महसूस कर लेना, चिराग़ जल सकता है लेकिन