ये तो जाते हुए तुम मुझको बताते जाते,,,

तुमने मुड़कर भी नहीं देखा मुझे जाते जाते,,,
एक तकल्लुफ़ ही सही जिसको निभाते जाते,,,
क्या ख़ता थी के टूट गये हैं सब रिश्ते ,,,
ये तो जाते हुए तुम मुझको बताते जाते,,,
ना इख़लास कोई ना ही शिकायत कोई,,,
कोई एहसान सही वो ही जताते जाते,,,
संभलना कैसे है मुझको तेरे जाने के बाद,,,
कम से कम ये हुनर भी तो मुझे बताते जाते,,,

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