Dil se..>>



झुक गये हम ही, उन्हें ऊँचा दिखाने के लिए
कुछ हमें खोना पड़ा, रिश्ते निभाने के लिए...
ज़ख़्म दिल में हमने रक्खे हैं, सजाने के लिए,
लब तरसते ही रहे हैं मुस्कुराने के लिए...
टूट मत जाना कभी तुम, हादसों के ख़ौफ़ से,
है ये तूफां हौसले को आज़माने के लिए...
मुल्क़ की ख़ातिर अगर, ये सिर कटाना भी पड़े,
हर घड़ी तैयार हैं सरहद पे जाने के लिए...
नफ़रतें जो बाँटते हैं प्यार से उनसे मिलें,
इक हंसी काफी है, उनका दिल जलाने के लिए.
जब से रूठी है मेरी क़िस्मत, मैं तन्हा हो गया,
कोई आता ही नहीं है अब मनाने के लिए.
नेक रस्ते पर है बच्चों को चलाना इसलिए
ख़ुद अमल करना पड़ा, उनको सिखाने के लिए.
प्यार पाने के लिए तक़रार भी करना पड़े,
दूर भी जाते नहीं पास आने के लिए.
ज़िन्दगी गुज़री यूँ "अपनी", जैसे हो ये मुंतज़िर,,,
मौत की आगोश में बेचैन जाने के लिए.

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