कोई मशगूल अपने में कोई बेजार मिलता है बिना संघर्ष के किसको यहाँ अधिकार मिलता है शुरू हैं जंग जीवन में सभी की कोशिशें अपनी किसी को हार मिलती तो किसी को हार मिलता है कहीं बजती है शहनाई बगल में चीख मिलती है यहाँ अधिकार के बदले हमेशा भीख मिलती है हकीकत से उलट है जिन्दगी का फलसफा यारो ये जीवन पाठशाला है जहाँ नित सीख मिलती है गमों को बाँटने की कोशिशें कर, मातवर बन जा सुनेंगे बात सब तेरी अगर तू नामवर बन जा सभी एक साथ मिलके जी सके दुनिया तभी कायम नहीं मुमकिन हुआ ऐसा तो फिर से जानवर बन जा जो बांटे प्यार दुनिया में उसे ही प्यार मिलता है करे दूजे का जो आदर उसे सत्कार मिलता है जहाँ पत्थर बने भगवान का प्रतिमान पूजित है वहाँ पर ज्ञान से ज्यादा लगे अज्ञान पूजित है कहीं वाणी है गुरुओं की कहीं जीसस कहीं अल्ला मगर वह देश ही बढता जहाँ इन्सान पूजित है//
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