Dil se..>>



दौरे-हाज़िर में किसी से रहता दबकर कौन है
कर ले मुट्ठी में जहां ऐसा धुरन्धर कौन है
क्यों भला इतना गुमां करते हो दौलत पर मियाँ
साथ अपने लेके जाता लाव-लश्कर कौन है
जो मिला उसमें ही खुश रहना सभी को चाहिए
उंगलियाँ भी है सिखाती के बराबर कौन है
आजकल हर एक चहरे पर मुखौटे हैं कई
ये पता चलता नहीं के किसके भीतर कौन है
हर कोई बातें बड़ी करता यहाँ है दोस्तों
बात सच के हक़ में करता है जो शायर कौन है
ग़म का दरिया लगता है दिल में ठहरने जब कभी
फेंक देता 'सोनू' फिर यादों का पत्थर कौन है//


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