Dil se..>>



हमारी मोहब्बत दुनिया में इस तरहा मशहूर न कर
सुन लेगा जमाना अपनी आवाज़ ए मंसूर न कर
चश्म ए तसादूम जारी रखना जिगर की बात है
हमसे अपना इजहार ए मोहब्बत तू मस्तूर न कर
शौरीदगी यूँ काम न आयेगी तेरी मोहब्बत में ऐसे
बेशक हमा हमी कर हमसे तू मगर मामूर न कर
एक बोसा मांगा था कि दौलत ए हुस्न मांगा था
ये अपना मुद्दआ है अग़्यार का तो मंजूर न कर
पी चुका हूँ पहले से ही ख़ुम ए मय बहुत जियादा
हुस्न वाले आँखो से पिला कर और मख़मूर न कर
हमको खटकता है अग्यार हम-नशी पहलू में तिरे
तू पास आ रह मुझे तू आँखो से मुझे दूर न कर
बडी जहमत से भरे है मेंरे दिल ए ज़ार के जख़्म
यूँ कुरेद कर ऐसे मिरे अंदमिलो को तू नासूर न कर
मुख़्तर सी बात का यूँ फसाना बनाना ठीक नहीं
छोटी सी अर्ज ए तमन्ना को ज़र्रे से तूर न कर

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