Dil se...>>
किसी की ख़ातिर चैन ओ क़रार खोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
हमारा रातों को उठ उठ के रोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
हमारा रातों को उठ उठ के रोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
ज़माना अहद-ए-शबाब का है
नए ख्वाबों ख्याल का है
ये शब बे दारी और दिन का सोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
नए ख्वाबों ख्याल का है
ये शब बे दारी और दिन का सोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
भंवर में तुम मुझे छोड़ आये
यूँ ही मोहब्बत का राज़ रहता
ला के साहिल पे यूँ डुबोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
यूँ ही मोहब्बत का राज़ रहता
ला के साहिल पे यूँ डुबोना
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या
कहा ये मैंने डरो खुदा से
हमारे दिल को दुखा रहे हो
तो वो हँस के बोले चुप रहो न
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या...
हमारे दिल को दुखा रहे हो
तो वो हँस के बोले चुप रहो न
कोई सुनेगा तो कहेगा क्या...
...Dil se...
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