जीने की चाहत नहीं रही....


अब तो दुआ दवा ओ इनायत नहीं रही
रिश्तों की जरा सी भी हिफाजत नहीं रही
अपनों के बीच हूँ बुरा शायद मैं इसलिए
सच ही कहा है झूठ की आदत नहीं रही
भाई के लिए भाई के हाथों में है खंजर
ऐसे जहाँ में जीने की चाहत नहीं रही
माँ बाप को दो वक्त की रोटी न दे सके
इतनी भी यार तुममे शराफत नहीं रही
उसने कहा माँ बाप को छोड़ो तो मैं मिलूँ
मैंने कहा के तुझसे मोहब्बत नहीं रही

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