Dil se..>>



ज़माने में कभी तेरी भी तो पहचान हो जाये,
समझदारी इसी में है कि तू इंसान हो जाये।
मुहब्बत है बड़ी ज़ालिम अदाएँ भी ज़रा कातिल,
वफ़ा की बात पर तू भी न बेईमान हो जाये।
गिराया था सरेमहफ़िल शरीफों की शराफत ने
बसा ले तू निगाहों में तेरा एहसान हो जाये।
दबी दिल में हज़ारों खाहिशें कब तक रहेंगी यूँ,
तिरी चाहत मिले पूरा हर इक अरमान हो जाये।
लबों पर हैं रही अक्सर दुआ तेरे लिए हमदम,
खुदा की बंदगी से ये सफर आसान हो जाये।

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