Khatti+mithi
Gaurav kumar:
मुस्कारने के मकसद न ढूँढ,
जिन्दगी यूँ ही कट जाएगी !
कभी वेवजह भी मुस्कुरा के देखतेरे साथ साथ जिन्दगी भी
मुस्कुरायेगी !!...
Gaurav kumar:
Ek pyara sa sawal? agar apko naya janam mile toh aap mujhe kis rishte me pana chahenge....? sab ko bhejo dekho answer kya milta ha... But reply me honestly..
Gaurav kumar: ,,,,,,
जिस पगली की खातिर सुधारा हैं खुद को.....
कल वो जा रही थी हमारा दिल दुःखा के......
Gaurav kumar:
एहसास के धागे
तेरी साँसों से जुड़कर
कुछ यूँ गुंथ से गए हैं
मैं ख़ुद; तेरा हिस्सा हो गयी हूँ !
Gaurav kumar:
अगर रहबर ही कर ले दोस्ती चुपचाप रहज़न से
किधर ले जाए फिर वो कारवां भगवान ही जाने...
Gaurav kumar:
तूमसे दूर जाने का इरादा न था… सदा साथ रहने का वादा भी न था… तुम याद न करोगे जानते थे हम… पर इतनी जल्दी भूल अंदाजा भी न था
Gaurav kumar:
तैयार रहते है मेरी पलकों पर आँसू हर लम्हे,
तेरी याद का कोई वक़्त मुक़र्रर जो नहीं..!!
Gaurav kumar:
मोहब्बत का अश्कों से, कुछ तो रिश्ता जरूर है..!!
,,,,,,,,,
तमाम उम्र न रोने वाले की भी, इश्क़ में आँख भीग गई..........!!
Gaurav kumar:
ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब होता है; अक्सर वही से गुजरता है, जहाँ पर रास्ते नहीं होते..
Gaurav kumar:
Aankh aapki bahey to aansu mere ho
saans aapki chaley to dhadkan meri ho
bas zindgi main yehi dil ki tamanna hai
key jab bhi aap ki yaad aaye aap mere saamne ho..
Gaurav kumar:
बस चुपके से देखते हो, कभी
जिक्र नहीं करते,
"""/"""/"""/"""/""/""/""/""/
""/""/""/""/""/""/""/
तो मैं ये कैसे कह दूँ कि तुम
मेरी
फिक्र नहीं करते.. !!!
Gaurav kumar:
वो होठो पर उंगली रख गयी थी मेरे...
उस दिन से आज तक मै सिर्फ लिखकर बोलता
हूँ....
Gaurav kumar:
नजरो से सजदा कर देंगे
ख्यालों में इबादत कर लेंगे
ऐ सनम पर्दानशी हम तुम्हे
क़यामत तक नजरो से बचा लेंगे.
Gaurav kumar:
ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस इतनी सी है अब मेरी....
कि साथ तेरा हो और ज़िंदगी कभी खत्म न हो....
Gaurav kumar:
काश मोहब्बत मे भी कभी चुनाव होते..!!
गजब का भाषण देते तुझे पाने के लिए..!!
Gaurav kumar:
तैयार रहते है मेरी पलकों पर आँसू हर लम्हे,
तेरी याद का कोई वक़्त मुक़र्रर जो नहीं..!!
Gaurav kumar:
तू नाराज है तो गुस्सा ही दिखा दे...
यू खामोश रहती है तू ..
तो
कमबख्त बेचैनियाँ मुझको खा जाती हैं..
Gaurav kumar: ';
चेहरा';देखते ही याद आये
वो है';FRIENDS';
और.........
';याद';आते ही चेहरा दिखे वो होता है';PYAR';.......!!
Gaurav kumar:
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो
अच्छा था साँवरे
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना
है साँवरे मेरे प्यारे साँवरे
Gaurav kumar:
चलो आओ अपनी नई दुनिया सजाते हैं ...
तुम हमें मोहब्बत सिखाओ...........
हम तुम्हे वफ़ा सिखाते हैं
Gaurav kumar:
वसीयतें अपने नाम लिखवा लेनेे से कुछ नही होता,
ये तो उडान तय करेगी की आसमान किसका है।
Gaurav kumar:
कभी कभी आँखे मेरी युँ ही छलक पड़ती है
कैसे समझाऊ इन्हे कि चाहने से कोई अपना नही बन जाता
Gaurav kumar:
कुछ यूँ हुवा हाल दिल्लगी में चोट खाकर…
वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से वास्ता न रहा..!
Gaurav kumar:
टूटने के बाद भी तेरे लिए धड़कता है।
लगता है दिमाग ख़राब हो गया है दिल का।।
Gaurav kumar:
करीब आने की ख्वाहिशें तो बहुत थी मगर,
करीब आकर पता चला... मोहब्ब्त फासलों में है...
Gaurav kumar:
संसार में सुई बनकर रहे कैची बनकर नहीं सुई दो को एक कर देती हे और कैची एक को दो कर देती हे
Gaurav kumar:
होंठो ने जिसका ....
जिक्र ना किया हो ..
आँखे ....
उनको पैगाम देती है ..
दुनिया से ___
उनको छुपाये कैसे ...
हर धड़कन ...
जो उनका नाम लेती है ..
Gaurav kumar:
वो होठो पर उंगली रख गयी थी मेरे...
उस दिन से आज तक मै सिर्फ लिखकर बोलता
हूँ....
Gaurav kumar:
लोगों के पास बहुत कुछ है !
मगर मुश्किल यह है
कि भरोसे पे शक है..
और अपने शक पे भरोसा है !!
Gaurav kumar:
APNI TO ZINDAGI HI AJEEB KAHANI HAI ,
JIS CHIS KO CHAHA WO BEGANI HAI ,
HASTE HAI TO SIRF DUNIYA KE LIYE ,
WARNA IN ANKHO MAIN TO SIRF PANI HI PANI HAI…
Gaurav kumar:
"रब" ने. नवाजा हमें. जिंदगी. देकर;
और. हम. "शौहरत" मांगते रह गये;
जिंदगी गुजार दी शौहरत. के पीछे;
फिर जीने की "मौहलत" मांगते रह गये।
ये कफन , ये. जनाज़े, ये "कब्र" सिर्फ. बातें हैं. मेरे दोस्त,,,
वरना मर तो इंसान तभी जाता है जब याद करने वाला कोई ना. हो...!!
ये समंदर भी. तेरी तरह. खुदगर्ज़ निकला,
ज़िंदा. थे. तो. तैरने. न. दिया. और मर. गए तो डूबने. न. दिया . .
क्या. बात करे इस दुनिया. की
"हर. शख्स. के अपने. अफसाने. हे"
जो सामने. हे. उसे लोग. बुरा कहते. हे,
जिसको. देखा. नहीं उसे सब "खुदा". कहते. है....
Gaurav kumar:
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने
वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और
दिल बात नही मानता..!!
Gaurav kumar:
किसकी पनाह मे तुझको गुज़ारे
ऐ जिंदगी,,,
अब तो रास्तो ने भी कह दिया है ,,
कि घर क्यो नहीं जाते..!!
Gaurav kumar:
"हम रिश्तों को ओर अधिक बेहतरीन बना सकते है!
"अपनी सोच में छोटा सा बदलाव करके!
"कि सामने वाला गलत नही है!
"सिर्फ हमारी उम्मीद से थोड़ा अलग हैं
Gaurav kumar:
मेरी आँखों के समंदर में जलन कैसी है,
आज फिर दिल को तडपने की लगन कैसी है,
अब इस राह पे चिरागों की कतारे भी नहीं,
अब तेरे शहर की गलियों मे घुटन कैसी है...
Gaurav kumar:
आँखों की बात हे,आँखो को ही कहने दो,
कूछ लफ़्ज़ लबों पर, मैले हो जाते हैं।
Gaurav kumar:
होता नहीं महसुस दर्द आज तेरे जखमों का,
क्यों आज तेरी तलवार की धार कम है,
कुछ दे ऐसे जख्म आज मुझको
क्युँ लगता है की आज तेरा प्यार कम है..
Gaurav kumar:
जब मिलेगी कभी तो बुलाऊँगा उसे, दिल के जख्म भी दिखाऊँगा उसे, उसकी ये तमन्ना भी पूरी करूँगा मैं जब आखिरी साँस आऐगी... उसे बाद भूल जाऊँगा उसे..
Gaurav kumar:
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा`..
Gaurav kumar:
मजबूर मोहब्बत जता न सके,
ज़ख्म खाते रहे किसी को बता न सके..
चाहतों की हद तक चाहा उसे.
सिर्फ अपना दिल निकाल कर उसे दिखा न सके..
Gaurav kumar:
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं खुदा के सिवा,
मैने जिन्दगी को देखा है करीब से,
मुश्किलों में कोई साथ नहीं देता..
आँसुओं के सिवा..... .
Gaurav kumar:
अब हमने भी कलम रखना सिख लिया है यारो जिस दिन भी कोई कहेगा हम तुम्हारे है, दस्तखत करवा लूगां !
Gaurav kumar:
ये नजर नजर की बात है कि किसे
क्या तलाश है ,तू हँसने को बेताब है ,
मुझे तेरी मुस्कुराहटों की प्यास है.
Gaurav kumar:
किसी ने क्या
खूब लिखा है मेरे लिए
"मैं"
पसन्द तो बहुत हूँ सबको,
पर..............
जब उनको मेरी जरूरतहोती है तब ।
Gaurav kumar:
मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो;
इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे;
थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो;
सीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे।
Gaurav kumar:
चाहे कितनी भी अंग्रेजी सीख लो परन्तु अगर कुत्ता पीछे पड़ जाये तो हट्ट-हट्ट ही कहना पड़ेगा
Gaurav kumar:
दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते है,
मामूली शब्दों में ही सही,कुछ खास लिखते हैं
Gaurav kumar:
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर,
कसूर तो उस खयाल का है जो सोने नही देता..
Gaurav kumar:
सजा को मैंने रजा पे छोड़ दिया,
हर एक काम मेंने खुदा पे छोड़ दिया,
वो मुझे याद रखे या भुला दे,
उसी का काम था उसी की रजा पे छोड़ दिया,
उसी की मर्ज़ी बुझा दे या जला दे,
चिराग मैंने जला के हवा पे छोड़ दिया,
उस से बात भी करते तो किस तरह करते,
ये मसला दुआ का थाy दुआ पे छोड़ दिया,
इसीलिए तो कहते हैं बेवफा हमको,
हमने सारा ज़माना वफ़ा पे छोड़ दिया.....
Gaurav kumar:
" इंसान की समझ सिर्फ इतनी हैं
कि उसे "जानवर" कहो तो
नाराज हो जाता हैं और
"शेर" कहो तो खुश हो जाता हैं "
Gaurav kumar:
गलती तेरी नही की तूने मुझे धोखा दिया..!!!
गलती तो मेरी थी जो मैनें तुझे मौका दिया..!
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