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Showing posts from August, 2015

Khatti+mithi

Gaurav kumar: जब_ उसने_ मुझसे_ कहा_ तुम्हारे_ ये धर्म _ अच्छे_ नहीं.... तब_ हम_ थोडा_ मुस्कुराये_ और_ कहा_ की.... पगली_ तेरी_ इतनी_ तो "औकात " नहीं_ की_.... तु_ मेरे धर्म हिंदुत्व _की_औकात " बता_ सके_। ♡♡ दिल तुझे दीया है - लेकिन '" जान '". आज भी '"🇮🇳○धर्म के लिए ही है🔔 जै हिन्दुत्व जै श्री राम🔔 Gaurav kumar: ना बंदिशों में है, न मकानों में है ... मेरा अंजाम बस आज़ाद पनाहों में है ... दिल आँसू भी बहाए तो कोई बात नहीं... हँसी तो बेवफाओं के गुनाहों में है ..... जो सुन ना सकी मेरी खामोश सदा.... वो नाजनीन मेरे दिल की दरगाहों में है ... हम तो मुफ़लिस ही रहे .... मुसलसल दोजख तो आज भी सैरगाहों में है Gaurav kumar: ना होठ खुलते हैं, ना जाम मिलते हैं .... इश्क के मयखाने में यही दास्तान मिलते हैं.... उन शाखों पे दिल ने आशियाँ बनाया जिनपे .... तिनकों के न कोई मकाँ मिलते हैं ..... मैं चल पड़ा हूँ पगडंडियों पे अकेले जहा.. ँ ये जमीं न आसमान मिलते हैं .... इस शहर में दिल का जीना बड़ा मुश्किल... यहाँ जख्म देनेवाले सरेआम मिलते ह