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Showing posts from November, 2015

Khatti+mithi

Gaurav Kumar तेरी मोहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई .. Gaurav Kumar: हम नफरत के काबिल थे तो नफरत से ही मार देते...!! क्यों अपनी महफ़िल में बुलाकर प्यार से कह दिया कौन हो तुम.. Gaurav Kumar: कहाँ तलास करोगे मुझ जैसाचाहने वाल जो अपनी हद पार करके भीतुम्हे याद करता है.. Gaurav Kumar: मुसीबत में अगर मदद माँगो तो सोच कर माँगना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और अहसान जिन्दगी भर का Gaurav Kumar: देखे हैं इतने ख्वाब कि अब अपने रू-ब-रू, उनको भी देख लूँ तो समझता हूँ ख्वाब है। Gaurav Kumar: हम तो कब से अपनी जान हथेली पे लिये घूम रहे हैं,, कमबख्त कोई लेता ही नही... Gaurav Kumar: मैं मरीज ऐ इश्क़ हूँ मेरी दवा हो परदे में मेरा गुनाह था परदे में मेरी सजा हो परदे में ।.... Gaurav Kumar: अगर तुम्हे यकीन है तुम्हारे शक पर, तो हमे शक है तुम्हारे यकीन पर.. Gaurav Kumar: तुजको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा... साल बदलेगा... मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा. Gaurav Kumar: लगता है जैसे जिन्दगी भूल बैठी है मुझे...... 🍂बहोत वक्त हुआ मुलाकात किये